लकी बिष्ट: एक जासूस, कमांडो और कहानीकार - अदृश्य से दृश्य तक का सफर
लकी बिष्ट, एक ऐसा नाम जो साहस, रहस्य और दृढ़ता का पर्याय है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के रहने वाले लकी बिष्ट का जीवन किसी रोमांचक फिल्म की कहानी से कम नहीं है।
एक पूर्व भारतीय जासूस, स्नाइपर और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कमांडो के रूप में उन्होंने देश सेवा में अपना अमूल्य योगदान दिया है, और अब वे बॉलीवुड में एक लेखक और निर्माता के रूप में अपनी नई पारी शुरू कर रहे हैं।
शुरुआती जीवन और सैन्य सफर:
लकी बिष्ट का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जहां देशभक्ति और सैन्य सेवा की गहरी जड़ें थीं; उनके दादाजी ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपनी जान गंवाई थी। मात्र 16 साल की छोटी उम्र में, 2003 में, लकी बिष्ट विशेष बलों में शामिल हो गए। उन्होंने इजरायल में ढाई साल तक जासूसी और कमांडो प्रशिक्षण लिया, जो कि दुनिया के सबसे कठिन प्रशिक्षणों में से एक माना जाता है। इस दौरान उन्होंने कई ऐसी परिस्थितियों का सामना किया जिनके बारे में आम इंसान शायद सोच भी नहीं सकता।
अपने करियर के दौरान, लकी बिष्ट ने भारतीय सेना, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW), स्पेशल फोर्सेज और असम राइफल्स जैसी विभिन्न सरकारी सुरक्षा एजेंसियों के साथ काम किया। उन्होंने विभिन्न देशों में कई महत्वपूर्ण मिशनों का नेतृत्व किया और उन्हें 2009 में भारत के सर्वश्रेष्ठ एनएसजी कमांडो का पुरस्कार भी मिला। उन्होंने तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, तरुण गोगोई और चंद्रबाबू नायडू जैसे कई प्रमुख भारतीय राजनेताओं के निजी अंगरक्षक के रूप में भी सेवा दी है। 2010 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के दौरान भी वे सुरक्षा दल का हिस्सा थे। उन्हें भारत के बेहतरीन स्नाइपर्स में से एक माना जाता है, जिन्होंने अपनी 15 साल की सेवा में 139 दुश्मनों को स्नाइपर शॉट्स से खत्म किया।
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जीवन का एक अप्रत्याशित मोड़:
लकी बिष्ट के जीवन में एक बड़ा मोड़ तब आया जब 2011 में उन पर दोहरे हत्याकांड का झूठा आरोप लगा। उन्होंने तीन साल से अधिक समय जेल में बिताया, इस दौरान उन्हें 11 अलग-अलग जेलों में स्थानांतरित किया गया। हालांकि, 2018 में, सबूतों के अभाव में अदालत ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। यह उनके जीवन का एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण दौर था, लेकिन उन्होंने इसका सामना बड़ी दृढ़ता से किया।
बॉलीवुड में नई पारी:
जेल से रिहा होने और अपनी विशेष सेवाओं से सेवानिवृत्त होने के बाद, लकी बिष्ट ने मनोरंजन उद्योग में कदम रखा। उन्होंने 2019 में एक लेखक के रूप में बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की। उनकी तीन वेब सीरीज और एक फिल्म पाइपलाइन में हैं। उनकी जीवनी, 'R.A.W. Hitman: The Real Story of Agent Lima', जिसे प्रसिद्ध अपराध लेखक एस. हुसैन जैदी ने लिखा है, भी प्रकाशित हो चुकी है और काफी लोकप्रिय हुई है। इस किताब का सीक्वल 'Raw Hitman 2: The Assassinations' भी आ चुका है, जिससे वे पहले ऐसे भारतीय बन गए हैं जिन पर आधारित किताब का सीक्वल प्रकाशित हुआ है।
लकी बिष्ट का मानना है कि सिनेमा समाज को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और वे अपनी कहानियों के माध्यम से दर्शकों को शिक्षित करना चाहते हैं। वे अब एक निर्देशक के रूप में भी हाथ आजमा रहे हैं और 2025 तक एक प्रेम कहानी 'बैड बॉय' का निर्देशन करने की योजना बना रहे हैं।
प्रेरणा का स्रोत:
लकी बिष्ट का सफर उन सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते। उनका जीवन दिखाता है कि कैसे कोई व्यक्ति अपने देश की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर सकता है, चुनौतियों का सामना कर सकता है, और फिर एक नए क्षेत्र में खुद को साबित कर सकता है। वे युवाओं को देश सेवा और अपने चुने हुए क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका 'अदृश्य' जासूस से 'दृश्य' कहानीकार तक का सफर वास्तव में असाधारण है।