अंकित बैयानपुरिया: 'राम राम सारया ने' से 'फिटनेस आइकन' तक का सफर
हाल के वर्षों में सोशल मीडिया पर कई ऐसे चेहरे उभरे हैं जिन्होंने अपनी सादगी, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से लाखों लोगों को प्रेरित किया है।
अंकित बैयानपुरिया, जो हरियाणा के एक छोटे से गांव से निकलकर आज पूरे भारत में एक फिटनेस आइकन बन चुके हैं। उनका लोकप्रिय '75 हार्ड चैलेंज' और उनका खास अंदाज़ "राम राम सारया ने" अब उनकी पहचान बन चुका है।
प्रारंभिक जीवन और संघर्ष:
अंकित बैयानपुरिया का असली नाम अंकित सिंह है और वह हरियाणा के सोनीपत जिले के ब्यानपुर गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 31 अगस्त को हुआ था। उनके पिता एक किसान हैं और माता गृहिणी हैं। आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले अंकित ने अपने शुरुआती जीवन में काफी संघर्ष देखा। उन्होंने ज़ोमैटो के लिए डिलीवरी बॉय के रूप में भी काम किया और जिम ट्रेनर के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। बचपन से ही उन्हें कुश्ती और फिटनेस का शौक था। हालांकि, 2022 में कंधे की चोट के कारण उन्हें अपने कुश्ती करियर को छोड़ना पड़ा, लेकिन इस मुश्किल ने उन्हें नई दिशा दी।
सोशल मीडिया पर उदय और '75 हार्ड चैलेंज':
चोट लगने के बाद, अंकित ने अपनी रिकवरी यात्रा और फिटनेस टिप्स को इंस्टाग्राम पर साझा करना शुरू किया। उनका सीधा-सादा और सच्चा कंटेंट, जिसमें वे अपने गांव में सीमित संसाधनों के साथ वर्कआउट करते थे, लोगों को बहुत पसंद आया। उन्होंने '75 हार्ड चैलेंज' को अपनाकर प्रसिद्धि हासिल की, जो एक कठोर मानसिक और शारीरिक चुनौती है। इस चैलेंज में 75 दिनों तक कुछ नियमों का कड़ाई से पालन करना होता है, जिनमें शामिल हैं:
रोजाना दो बार 45 मिनट का वर्कआउट (एक आउटडोर)
रोजाना 4 लीटर पानी पीना
कोई भी नॉन-फिक्शन किताब के 10 पेज पढ़ना
स्ट्रिक्ट डाइट का पालन करना (कोई चीट मील नहीं, शराब नहीं)
रोजाना अपनी प्रगति की सेल्फी लेना
अंकित ने इस चैलेंज को सफलतापूर्वक पूरा किया और अपनी यात्रा को नियमित रूप से सोशल मीडिया पर साझा किया। उनकी ईमानदारी, कड़ी मेहनत और देसी अंदाज ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। उनका "राम राम सारया ने" कहने का तरीका और भगवद गीता से मिलने वाले ज्ञान को साझा करना युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ।
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प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात और राष्ट्रीय पहचान:
अंकित बैयानपुरिया की बढ़ती लोकप्रियता और फिटनेस के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। अक्टूबर 2023 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "स्वच्छता ही सेवा" अभियान के तहत अंकित के साथ झाड़ू लगाकर श्रमदान किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अंकित से फिटनेस, स्वच्छता और अन्य मुद्दों पर बातचीत भी की। इस घटना ने अंकित को और भी अधिक प्रसिद्ध कर दिया और उन्हें 'स्वच्छ भारत' अभियान से भी जोड़ा। 2024 में, उन्हें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 'सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य और फिटनेस क्रिएटर' का राष्ट्रीय क्रिएटर अवार्ड भी प्रदान किया गया।
भविष्य और प्रेरणा:
अंकित बैयानपुरिया आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, भले ही शुरुआत कितनी भी मुश्किल क्यों न हो। उनका सफर संघर्ष, सादगी और सफलता की एक अद्भुत कहानी है, जो लगातार लोगों को बेहतर जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। वह अब न केवल एक फिटनेस आइकन हैं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने मूल्यों और अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं।